कल्पना कीजिए कि आप समुद्र के ऊपर एक छोटे से हवाई जहाज में उड़ रहे हैं, नीचे बादल हैं और आपके सामने पूरी दुनिया है। रोमांचक लगता है, है ना?

बिल्कुल यही कमाल की पायलट एमिलिया इयरहार्ट ने किया था! वह आसमान की सुपरस्टार थीं, लगातार रिकॉर्ड तोड़ रही थीं और सभी को दिखा रही थीं कि लड़कियां भी बहादुर साहसी हो सकती हैं। एमिलिया इयरहार्ट का जन्म 24 जुलाई, 1897 को हुआ था, और उन्हें गति और रोमांच बहुत पसंद था! वह 1932 में अकेले अटलांटिक महासागर के ऊपर से उड़ान भरने वाली पहली महिला बनीं। लेकिन सबसे बड़ा रोमांच - पूरी दुनिया की परिक्रमा करना - इतिहास की सबसे बड़ी पहेलियों में से एक में समाप्त हुआ: जुलाई 1937 में उनका गायब हो जाना।

Mira

Mira says:

"वाह, पूरी दुनिया के ऊपर उड़ना! इसके लिए चाँद पर जाने से भी ज़्यादा हिम्मत चाहिए! मुझे उम्मीद है कि उनके पास उस लंबी यात्रा के लिए पर्याप्त नाश्ता होगा!"

एमिलिया का सपनों का सफर क्या था?

एमिलिया सिर्फ़ मनोरंजन के लिए उड़ान नहीं भर रही थीं; उनका एक बहुत बड़ा लक्ष्य था! वह पृथ्वी के चारों ओर, भूमध्य रेखा के पास - जो हमारी पृथ्वी के बीच की काल्पनिक रेखा है - पूरी परिक्रमा करने वाली पहली महिला पायलट बनना चाहती थीं।

वह लॉकहीड मॉडल 10-ई इलेक्ट्रा नामक एक खास विमान में उड़ीं। यह उस समय के हिसाब से एक सुपर-एडवांस्ड उड़ने वाली मशीन थी, और एमिलिया इसे अपनी 'फ्लाइंग लेबोरेटरी' (उड़ने वाली प्रयोगशाला) कहती थीं।

विशाल महासागरों को पार करते समय मार्गदर्शन में मदद के लिए, एमिलिया के पास फ्रेड नूनन नाम के एक शानदार नेविगेटर थे। वह उनके मानव जीपीएस (GPS) की तरह थे!

Mind-Blowing Fact!

अपनी अंतिम उड़ान से पहले, एमिलिया पहले ही नियोजित मार्ग के 22,000 मील की उड़ान भर चुकी थीं! जब चीजें मुश्किल हुईं, तो उन्हें यात्रा पूरी करने के लिए केवल लगभग 7,000 मील बाकी थे।

एमिलिया द्वारा बनाए गए अविश्वसनीय रिकॉर्ड

एमिलिया अंतिम उड़ान से बहुत पहले एक सुपरस्टार थीं। उन्होंने साबित कर दिया कि विमानन केवल लड़कों के लिए नहीं है!

उन्होंने सिर्फ अटलांटिक महासागर को पार नहीं किया - उन्होंने यह अकेले किया! इससे वह यह साहसी काम करने वाली पहली महिला बन गईं।

1932 अकेले अटलांटिक पार करने का वर्ष
14,000 फीट ऊँचाई का रिकॉर्ड (1922)
10 गगनचुंबी इमारतों को एक साथ जोड़ने जितनी ऊँचाई!
2 पर्ड्यू विश्वविद्यालय में काम करने के वर्ष
1937 गायब होने का वर्ष

अंतिम उड़ान में गड़बड़ी कैसे हुई?

यह यात्रा 1 जून, 1937 को मियामी, फ्लोरिडा से शुरू हुई और पूर्व की ओर बढ़ी। उन्होंने दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और एशिया के ऊपर से उड़ान भरी, ईंधन भरने के लिए कई जगहों पर रुकीं।

बड़ा महासागर पार करने से पहले उनका आखिरी पड़ाव लाए, न्यू गिनी था। वे दुनिया भर की अपनी यात्रा पूरी करने के बहुत करीब थे!

आखिरी मुश्किल हिस्सा

अगला लक्ष्य होवलैंड द्वीप था, जो विशाल प्रशांत महासागर में जमीन का एक छोटा सा टुकड़ा था। यह केवल एक छोटे से पार्क के आकार का था!

चूंकि द्वीप बहुत छोटा था, इसलिए मदद के लिए अमेरिकी तटरक्षक जहाज इटास्का की सहायता के बावजूद, हवा से इसे ढूंढना बहुत मुश्किल था।

एमिलिया ने रेडियो संदेश भेजे जिसमें कहा गया था कि उन्हें द्वीप देखने में कठिनाई हो रही है और उनके पास ईंधन कम हो रहा है। उनका आखिरी संदेश था: 'हम उत्तर और दक्षिण की ओर चल रहे हैं।'

💡 Did You Know?

एमिलिया और फ्रेड की तलाश उस समय तक अमेरिकी सरकार द्वारा किया गया सबसे महंगा हवाई और समुद्री बचाव अभियान था! दुख की बात है कि उन्हें विमान या पायलटों का कोई निशान कभी नहीं मिला।

🎯 Quick Quiz!

गायब होने के समय एमिलिया और फ्रेड किस छोटे द्वीप को खोजने की कोशिश कर रहे थे?

A) न्यू गिनी
B) हवाई
C) होवलैंड द्वीप
D) कैलिफ़ोर्निया

लोग कहाँ सोचते हैं कि एमिलिया गईं?

चूंकि कोई निश्चित रूप से नहीं जानता है, लोगों ने अनुमान लगाया है कि क्या हुआ होगा - यानी सिद्धांत (theories)। यह बच्चों के सोचने के लिए दुनिया की सबसे अच्छी ऐतिहासिक पहेलियों में से एक है!

सबसे आम विचार यह है कि होवलैंड द्वीप को खोजने से पहले विमान का ईंधन खत्म हो गया और वह पास के गहरे समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

एक अन्य लोकप्रिय सिद्धांत यह है कि एमिलिया और फ्रेड पास के एक बड़े द्वीप, निकुमारोरो पर सुरक्षित उतर गए थे और मदद आने से पहले कुछ समय तक जीवित रहे होंगे।

  • 'सागर में खोने' का सिद्धांत (सबसे संभावित): वे द्वीप नहीं ढूंढ पाए, ईंधन खत्म हो गया, और वे प्रशांत महासागर में उतर गईं।
  • 'फंसे रहने' का सिद्धांत: वे निकुमारोरो पर सुरक्षित उतर गईं लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका और उनका राशन खत्म हो गया।
  • 'पकड़े जाने' का सिद्धांत (सबसे कम संभावित): कुछ लोगों का मानना था कि वे जापान द्वारा नियंत्रित क्षेत्र में उतरे और पकड़े गए, लेकिन इसके लिए कोई ठोस सबूत नहीं है।
  • 'नए सुराग' का सिद्धांत: वैज्ञानिक और खोजकर्ता आज भी विमान के मलबे को खोजने के लिए समुद्र तल पर सोनार जैसी शानदार तकनीक का उपयोग करते हैं!

भले ही एमिलिया इयरहार्ट उस अंतिम उड़ान पर 2 जुलाई, 1937 को गायब हो गईं, लेकिन उनका साहसी जज़्बा कभी गायब नहीं हुआ! उन्होंने हमें सिखाया कि चुनौतियों का बहादुरी से सामना करना, भले ही आप सफल न हों, यही जीवन को एक अद्भुत यात्रा बनाता है। उनकी कहानी आज भी पायलटों और सपने देखने वालों को आसमान की ओर देखने और अपने लक्ष्यों का पीछा करने के लिए प्रेरित करती है, बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए!

Questions Kids Ask About प्रसिद्ध लोग

एमिलिया इयरहार्ट गायब हुईं तब वह कितने साल की थीं?
एमिलिया इयरहार्ट का जन्म 24 जुलाई, 1897 को हुआ था, इसलिए 2 जुलाई, 1937 को उनके गायब होने पर वह लगभग 40 वर्ष की थीं। उन्होंने अपना चालीसवाँ जन्मदिन नहीं मनाया।
एमिलिया इयरहार्ट के आखिरी सफर में उनके नेविगेटर कौन थे?
दुनिया की परिक्रमा की यात्रा के लिए एमिलिया के नेविगेटर फ्रेड नूनन नाम के एक कुशल विशेषज्ञ थे। छोटे से होवलैंड द्वीप को खोजने में उनकी मदद करना उनकी ज़िम्मेदारी थी।
एमिलिया इयरहार्ट किस तरह का विमान उड़ा रही थीं?
वह लॉकहीड मॉडल 10-ई इलेक्ट्रा नामक एक ट्विन-इंजन विमान उड़ा रही थीं। एमिलिया अक्सर इस विमान को अपनी 'फ्लाइंग लेबोरेटरी' कहती थीं क्योंकि वह इसका इस्तेमाल रिकॉर्ड तोड़ने वाली उड़ानों के लिए करती थीं।
क्या एमिलिया इयरहार्ट का विमान कभी मिला है?
नहीं, एमिलिया इयरहार्ट का विमान कभी भी निश्चित रूप से नहीं मिला है। कई अभियानों ने प्रशांत महासागर की खोज की है, और नए सोनार चित्र कभी-कभी उत्साह पैदा करते हैं, लेकिन मलबा अभी भी गायब है।

अपने क्षितिज का पीछा करते रहें!

एमिलिया इयरहार्ट ने साबित कर दिया कि साहस और दृढ़ संकल्प के साथ, आप आसमान को अपना लक्ष्य बना सकते हैं! आप अगली कौन सी बड़ी साहसिक यात्रा शुरू करेंगे? एमिलिया जैसे बहादुर लोगों की अद्भुत कहानियाँ खोजने के लिए इतिहास उबाऊ नहीं है, सुनना जारी रखें!